हैदराबाद: तेलंगाना पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया है. तीनों मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले हैं. पुलिस के अनुसार, ये आतंकवादी शहर में दशहरा समारोह और धार्मिक जुलूसों में विस्फोट की योजना बना रहे थे. उनकी योजना संघ और भाजपा की बैठक में हैंड ग्रेनेड फेंकने की भी थी. इसे ISIS से प्रेरित लोन वुल्फ हमले द्वारा अंजाम दिया जाना था. एसटीएफ ने पुराने हैदराबाद से मूसारामबाग के मोहम्मद अब्दुल जाहिद उर्फ मोटू, मलकपेट के मोहम्मद समीउद्दीन और हुमायूं नगर के हसन फारूक को गिरफ्तार किया है.
आरोपियों के पास से 4 हैंड ग्रेनेड, 4 लाख रुपया केस और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं. तीनों के खिलाफ संघ और बीजेपी पदाधिकारियों की हत्या की साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, इस लश्कर-ए-तैयबा स्लीपर सेल का पता लगाने वाले स्टेट काउंटर-इंटेलिजेंस सेल और स्पेशल टास्क फोर्स ने आरोपी के बयान में इसका जिक्र नहीं किया. पूछताछ में इन लोगों ने स्वीकार किया कि उनकी योजना आतंक फैलाने और सांप्रदायिक दुश्मनी पैदा करने की थी.
तीनों पर यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस शिकायत में 4 अन्य संदिग्धों के नाम हैं: आदिल अफरोज, अब्दुल हादी, सोहेल कुरैशी और अब्दुल कलीम उर्फ हादी. यह भी फरार है. मुख्य साजिशकर्ता जाहिद ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, सीमा पार से सेना के गुर्गों और हैदराबाद के 3 संदिग्ध आतंकवादियों फरहतुल्ला गोरी, सिद्दीकी बिन उस्मान और अब्दुल मजीद के संपर्क में था, जो फरार हैं. बताया जाता है कि ये तीनों पाकिस्तान में हैं और आईएसआई के लिए काम कर रहे हैं.
एसआईटी के एक अधिकारी ने कहा, जाहिद और उसका समूह त्योहारों के दौरान आतंक फैलाने की योजना बना रहे थे. इसके अलावा भाजपा, आरएसएस की बैठकों में बम विस्फोट की योजना बना रहे थे. अधिकारी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान स्थित हैंडलर, गोरी, हंजला और मजीद ने जाहिद को हैदराबाद में आतंकवादी हमले करने के लिए आतंकवादियों को भर्ती करने में मदद की और इसके लिए धन मुहैया कराया. गिरफ्तार किए गए दो अन्य समीउद्दीन और हसन को जाहिद ने खुद भर्ती किया था. जाहिद पहले भी हैदराबाद में आतंकवादी घटनाओं में शामिल रहा है, जिसमें 2005 में बेगमपेट में पुलिस टास्क फोर्स कार्यालय पर आत्मघाती हमला भी शामिल है.