राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बीते दिनों राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर कई जिलों में 8-18 वर्ष की आयु की लड़कियों को स्टांप पेपर पर कथित रूप से बेचने के मामले को लेकर जवाब तलब किया है. वहीं इस मामले को महिला आयोग ने भी गंभीरता से लिया है. लेकिन राजस्थान सरकार के मंत्री ने इस आरोप को इनकार करते हुए कहा कि मामले की जांच की जाएगी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नोटिस को लेकर राजस्थान के मंत्री प्रताप खाचरियावास ने कहा कि यह जांच का विषय है. क्या मामला है, सच्चाई क्या है, सामने आने दीजिए. जांच के बाद सरकार अपना बयान देगी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को इस बारे में पहले राजस्थान पुलिस से बात करनी चाहिए थी. ये कोई राजनीति मुद्दा नहीं है. राज्य में बच्चियों को बेकने की घटनाएं नहीं होती.
राजस्थान के भीलवाड़ा में लड़कियों को बेचे जाने के मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मीडिया ने बातचीत करते हुए कहा कि NCW की एक टीम को भीलवाड़ा भेजा जा रहा है. 1 नवंबर को मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री और SP भीलवाड़ा से मिलूंगी. पिछले कुछ वर्षों से राज्य से ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
गौरतलब है कि बीते दिनों राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजस्थान सरकार को नोटिस दिया था. नोटिस राजस्थान के कई जिलों में 8-18 वर्ष की आयु की लड़कियों को स्टांप पेपर पर कथित रूप से बेचने और उसके इनकार के परिणामस्वरूप राज्य में जाति पंचायतों के फरमान पर विवादों को निपटाने के लिए उनकी माताओं के साथ दुष्कर्म को लेकर दिया गया है.
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