मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को 72 वे वन महोत्सव और घर-घर औषधि योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर गिलोय का औषधीय पौधा लगाकर योजना की शुरुआत की, साथ ही 72 वें वन महोत्सव के तहत जयपुर के ग्राम बिलोची में लगाने के लिए पीपल का पौधा और अन्य पौधों के वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
औषधीय पौधों की पहली किट वन राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेंट की। गहलोत ने घर-घर औषधि योजना के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए तैयार किए गए पोस्टर,ब्रोशर और बुकलेट का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए इस कार्यक्रम में गहलोत सरकार के मंत्रियों के साथ ही प्रमुख अधिकारी भी शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान संभवत पहला प्रदेश है जिसने औषधीय पौधों के प्रति जनचेतना जागृत करने के लिए वृहद स्तर पर ऐसी अनूठी योजना लागू की है। यह हमारी भावी पीढ़ी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति का संतुलन बिगड़ने के कारण ग्लोबल वार्मिंग अनावृष्टि अतिवृष्टि बाढ़ सूखा भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है, इन आपदाओं से बचाव के लिए वनों का विस्तार जरूरी है उन्होंने कहा कि प्रदेश में वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार जल्द ही नई वन नीति लेकर आएगी।
सीएम ने कहा कि कोविड महामारी के इस दौर में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का महत्व फिर से साबित हुआ है इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों ने औषधीय पौधों का लाभ लिया है। निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए भावी पीढ़ी को भी इन औषधीय पौधों के महत्व के उपयोग की जानकारी मिलना आवश्यक है इसी को ध्यान में रखते हुए साल 2021-22 के बजट में घर-घर औषधि योजना प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी जिसे आज मूर्त रूप दिया गया है। हमारा प्रयास है कि सभी के सहयोग से यह योजना जन आंदोलन का रूप ले।
कार्यक्रम में वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि घर-घर औषधि योजना के तहत वन विभाग की ओर से आने वाले 5 वर्षों में प्रदेश के सभी एक करोड़ 26 लाख परिवारों को तुलसी, गिलोय,कालमेघ,अश्वगंधा के आठ आठ औषधीय पौधे तीन बार निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। यह पौधे वन विभाग अपनी पौधशाला में तैयार करेगा, राज्य सरकार इस योजना पर 210 करोड़ रुपए खर्च करेगी।