राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए दीवाली खुशखबरी लेकर आयी है। राज्य सरकार ने दीपावली बोनस देने का फैसला किया है और कोविड के कारण हर माह हो रही वेतन कटौती को भी अब स्वैच्छिक कर दिया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्णय के अनुसार बोनस का 25 प्रतिशत हिस्सा नकद देय होगा, 75 प्रतिशत राशि कर्मचारी के सामान्य प्रावधाई निधि खाते (जीपीएफ) में जमा करवाई जाएगी।
एक जनवरी 2004 एवं इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों को देय तदर्थ बोनस एक पृथक योजना तैयार कर उसमें जमा कराया जाएगा। राज्य के 7.30 लाख से अधिक कर्मचारियों को बोनस देने से राजकोष पर 500 करोड़ का वित्तीय भार आएगा।
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4800 और इससे नीचे के ग्रेड पे वाले अराजपत्रित कर्मचारियों को बोनस के रूप मेंअधिकतम 7000 रुपए मिलेंगे।
वेतन कटौती से मुख्यमंत्री सहायता कोष (कोविड सहायता) में 130 करोड़ से अधिक हर माह जमा हो रहे थे। सितम्बर से लागू इस निर्णय के अनुसार मुख्यमंत्री एवं मंत्री-राज्यमंत्रियों की 7 दिन तथा विधायकों की एक दिन की तथाआइएएस-आरएएस की दो दिन की वेतन कटौतीकी जा रही थी। अधीनस्थ सेवा एवं अन्य राज्य कर्मचारियों के एक दिन की वेतन कटौती का निर्णय लिया गया था।
इनके अलावा राजस्थान हाईकोर्ट व अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों तथा अधिकारियों एवं कार्मिकों, चिकित्सा-स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों-कार्मिकों, पुलिस कांस्टेबल तथा एल-1 से एल-4 के वेतनमान में कार्यरत राज्य सरकार के समस्त कर्मचारियों को वेतन कटौती से बाहर रखा है।
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अब मुख्यमंत्री एवं मंत्री-राज्यमंत्रियों की 7 दिन तथा विधायकों की एक दिन की वेतन कटौती तो जारी रहेगी बाकी स्तर की कटौतियों को स्वैच्छिक कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस आशय की घोषणा करते हुए राज्यकर्मियों सहित सभी प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।