जयपुर: प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Rajasthan Farmers Latest News) ने केन्द्र सरकार द्वारा कृषि एवं कृषि व्यापार से संबंधित लाये गये तीन कानूनों पर प्रतिक्रिया देते हुए इन्हें कृषि एवं किसान (Rajasthan Farmers Latest News) विरोधी बताया हैं।
पायलट ने कहा कि कोरोना काल में अध्यादेशों के माध्यम से उक्त कानून लागू किये है, जबकि ऐसी कोई आपात स्थिति नहीं थी। उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है जबकि केन्द्र सरकार ने इस संबंध में राज्यों से किसी प्रकार की सलाह नहीं ली। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसान (Rajasthan Farmers Latest News) संगठनों एवं राजनैतिक दलों से भी इस सम्बन्ध में कोई राय-मशविरा नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार प्रारम्भ से ही किसान (Rajasthan Farmers Latest News) विरोधी रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों (Rajasthan Farmers Latest News) के लिए भूमि मुआवजा कानून रद्द करने के लिए एक अध्यादेश प्रस्तुत किया। परन्तु राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एवं किसानों (Rajasthan Farmers Latest News) के विरोध के कारण मोदी सरकार को पीछे हटना पड़ा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इन तीन नए कानूनों से किसान, खेत-मजदूर, कमीशन एजेंट, मण्डी व्यापारी सभी पूरी तरह से समाप्त हो जायेंगे।
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उन्होंने कहा कि एपीएमसी (APMC) प्रणाली के समाप्त होने से कृषि उपज खरीद प्रणाली समाप्त हो जायेंगी। किसानों (Rajasthan Farmers Latest News) को बाजार मूल्य के अनुसार न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलेगा और न ही उनकी फसल का मूल्य। उन्होंने कहा कि यह दावा सरासर गलत है कि अब किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच सकता हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 की कृषि जनगणना के अनुसार देश में 86 प्रतिशत किसान (Rajasthan Farmers Latest News) 5 एकड से कम भूमि के मालिक है। ऐसी स्थिति में 86 प्रतिशत अपने खेत की उपज को अन्य स्थान पर परिवहन या फेरी नहीं कर सकते हैं। इसलिए उन्हें अपनी फसल निकट बाजार में ही बेचनी पड़ती है। मण्डी सिस्टम खत्म होना किसानों के लिए बेहद घातक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि अनाज-सब्जी बाजार प्रणाली की छंटाई के साथ राज्यों की आय का स्त्रोत भी समाप्त हो जाएगा।
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उन्होंने कहा कि नये कानून के अनुसार आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन कर खाद्य पदार्थों की भंडारण सीमा को बहुत ही विशेष परिस्थितियों को छोड़कर समाप्त कर दिया गया हैं। इससे पूंजीपतियों द्वारा कृषि व्यापार पर नियंत्रण कर लिया जाएगा और वे पूंजी के आधार पर सम्पूर्ण कृषि उपजों को भण्डारों में जमा कर लेंगे तथा कृत्रिम कमी दर्शाकर उपभोक्ताओं से मनचाहे दाम वसूलेंगे। इससे कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि संविदा खेती में सबसे बड़ी कठिनाई छोटे किसानों (Rajasthan Farmers Latest News) के समक्ष उत्पन्न होगी जब वे कम्पनियों के नौकर बनकर रह जायेंगे। इसके विकल्प में सरकार को ग्राम स्तर पर छोटे किसानों (Rajasthan Farmers Latest News) की सामूहिक खेती के विकल्प पर विचार करना चाहिए और सामूहिक खेती के साथ गौ-पालन को आवश्यक बनाने पर जोर देना चाहिए जिससे देश में दूध का उत्पादन बढाया जा सके।
पायलट ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि राजनैतिक दलों, किसान संगठनों, मण्डी व्यापारियों और कृषि विशेषज्ञों से विस्तृत चर्चा कर इन कानूनों में संशोधन पर विचार करें जिससे देश के किसान की वास्तविक दशा में बदलाव आ सकें।