डूंगरपुर में हुई हिंसा को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का कहना है कि हिंसा किसी भी मसले का समाधान नहीं हो सकता, शांतिपूर्ण बातचीत से ही किसी समस्या का हाल निकाला जा सकता है। सोमवार को अपने निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में कोई ना कोई ऐसी ताकत है जो माहौल बिगाड़ना चाहती है कोई ना कोई हित साधने के लिए ऐसी हिंसा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कोर्ट में एसएलपी दायर करने की बात कही है। बात करने से ही समस्या का समाधान होगा। सचिन ने कहा कि राजस्थान का नौजवान हिंसा में विश्वास नहीं करता है।
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पायलट ने कहा कि कृषि अध्यादेश को लेकर पूरे देश में विरोध हो रहा है, भाजपा ने इस बिल के जरिए किसानों पर घातक प्रहार किया है। केंद्र सरकार ने जबरदस्ती इस बिल को सदन में पारित कराया है, जबकि उनके पास बहुमत नहीं था। सचिन पायलट ने यह भी कहा कृषि राज्य का विषय है लेकिन किसी भी राज्य से भी इस बारे में कोई चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस इन बिलों का विरोध कर रही है तो इस बिल को राजस्थान में कैसे लागू किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की थी लेकिन कोरोना के बीच जानबूझकर केंद्र सरकार ने इस बिल को पारित करवाया। इन विधेयकों को पारित कर केंद्र सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। किसान ही नहीं बल्कि मजदूर, आढ़ती, ट्रांसपोर्टर्स को भी इससे भारी नुकसान होगा।
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उन्होंने कहा कि जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है। पायलट ने कहा कि इस विधेयक का विरोध पूरे देश में हो रहा है। जब सरकार अपने घटक दल अकाली दल को ही नहीं समझा पाई तो किसानों को क्या समझा पाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी आखिरी दम तक इसके विरोध में लड़ाई लड़ेगी।