मुंबई: भारतीय रुपये में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. बुधवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ. रुपया आज 61 पैसे की गिरावट के साथ 83 को पार कर 83.01 पर बंद हुआ. पहली बार रुपया इस स्तर को छुआ है. पिछले कारोबारी दिन में रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ 82.39 पर बंद हुआ था.
आम आदमी पर पड़ेगा असर
गौरतलब है कि भारत कुछ दवाओं के साथ भारी मात्रा में आवश्यक बिजली के सामान और मशीनरी का आयात करता है. अधिकांश मोबाइल और गैजेट चीन और अन्य पूर्वी एशियाई देशों से आयात किए जाते हैं. यदि रुपये का मूल्यह्रास इसी तरह जारी रहा तो आयात महंगा हो जाएगा और आपको अधिक खर्च करना पड़ेगा.
किचन का बजट होगा प्रभावित
भारत 80 फीसदी कच्चे तेल का आयात करता है. कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेंगे. ऐसे में रुपये के कमजोर होने पर खाना पकाने से लेकर घर में इस्तेमाल होने वाली रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ सकते हैं. इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि होने की वजह से किराया भी बढ़ सकता है. भारत 60 प्रतिशत खाद्य तेल का आयात करता है, जिसे डॉलर में भी खरीदा जाता है. ऐसे में रुपया कमजोर होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेल के दाम बढ़ सकते हैं.
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