भारत आज पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति की एक विशेष बैठक की मेजबानी करेगा. बैठक में ‘आतंकवाद को रोकने और उसका मुकाबला करने के उद्देश्य से नई और उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग’ विषय पर चर्चा होगी. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मुंबई के उसी शहर में हो रहा है जहां 14 साल पहले आतंकी हमला हुआ था.
इस बारे में विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा, UNSC-CTC भारत में इस दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जिसकी शुरुआत मुंबई से होगी. 28 अक्टूबर को मुंबई के होटल ताज महल पैलेस में 26/11 आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर मौजूद रहेंगे. इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य और अन्य प्रतिनिधि शामिल होंगे.
मुख्य उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करना है
दुनिया भर में आतंक फैलाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल चिंता का विषय है. आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग के साथ-साथ प्रौद्योगिकी के कई सकारात्मक उपयोगों से उत्पन्न बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए, आतंकवाद विरोधी समिति ने पहली बार भारत में यह विशेष बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है.
इस बैठक से भारत क्या संदेश देना चाहता है?
ताज होटल में बैठक आयोजित करने का मकसद पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना भी है, जहां से आए आतंकियों ने 2008 में हमला किया था, संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत और इस संयुक्त राष्ट्र समिति की अध्यक्ष रुचिरा कंबोज का मानना है कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है. उनके अनुसार, बैठक में आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट के उपयोग, नई भुगतान प्रणाली और ड्रोन का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
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