तिरुवनंतपुरम: केरल में दो महिलाओं की हत्या का मामला सामने आया है. केरल में एक दंपति ने कथित तौर पर एक तांत्रिक के साथ मिलकर दो महिलाओं की बलि दे दी. संदेह जाताया जा रहा है कि आरोपियों ने हत्या के बाद इंसानी मांस भी पकाकर खाया. केरल में ‘मानव बलि’ के मामले में एर्नाकुलम सत्र अदालत ने तीनों आरोपियों को 26 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
कहा जाता है कि तंत्र-मंत्र के जरिए आरोपित दंपत्ति ने धन और शोहरत हासिल करने के लिए मानव बलि दी. उसका एजेंट शफी दोनों महिलाओं को बहला-फुसलाकर आरोपी के घर ले गया जहां उनकी बलि देकर दफना दिया गया था. इस घटना के बाद पुलिस पिछले कुछ दिनों में लापता लोगों के मामलों की भी जांच कर रही है. केरल ‘मानव बलि’ मामले पर कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त सी.एच. नागराजू ने मीडिया को बताया कि जब हमने मुख्य आरोपी शफी से पूछताछ की तो हमें पहले कुछ नहीं मिला. वैज्ञानिक जांच हमें पथानामथिट्टा तक ले गई. हमें जांच के दौरान पता चला कि शफी मुख्य साजिशकर्ता और विकृत व्यक्ति है.
उन्होंने जानकारी देते हुए आगे कहा कि ऐसी संभावना है कि आरोपियों ने पीड़ितों की हत्या करने के बाद शरीर के अंगों को खा लिया है. इसकी जांच की जा रही है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है. मुख्य आरोपी शफी एक विकृत व्यक्ति है. हम जांच कर रहे हैं कि क्या इसमें अन्य आरोपी हैं और क्या ऐसे और मामले हुए हैं? हमने मारे गए दोनों महिलाओं के शरीर के सभी हिस्सों को बरामद कर लिया है. पीड़ित महिला में से एक के शरीर के अंगों को तीन गड्ढों में से बरामद किया गया जहां उन्हें दफनाया गया था.
केरल मानव बलि मामले के मुख्य जांचकर्ता कोच्चि DCP एस. शशिधरन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्य आरोपी शफी ने वित्तीय कठिनाइयों वाले लोगों को खोजने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल किया. उसने भगवल सिंह और लैला को पाया, जो मानव बलि में रुचि रखते थे. शफी ने अपनी पत्नी के फोन में फेसबुक चलाया था लेकिन वह नहीं जानती थी. हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या मुख्य आरोपी शफी ने कोई यौन शोषण किया है. इस मानव बलि अनुष्ठान मामले के अलावा विभिन्न अपराधों के तहत शफी के खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं.
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