नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दावा किया है कि सह-शिक्षा (लड़के और लड़कियों को एक साथ पढ़ना) मुस्लिम लड़कियों को धर्म छोड़ने के लिए प्रेरित कर रही है. मौलाना अरशद मदनी ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था से जुड़ी समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए देश में धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दिया जा रहा है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अरशद मदनी रविवार को जमीयत की कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान मौलाना मदनी ने दावा किया कि देश में धर्मत्याग की प्रथा तेजी से फैल रही है और मुस्लिम लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ”सह-शिक्षा के कारण धर्म छोड़ने का मोह प्रबल होता जा रहा है और इसलिए हम इसके खिलाफ हैं. मीडिया हमारे विचारों को नकारात्मक रूप से चित्रित करता है और प्रचारित करता है कि मौलाना मदनी लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ हैं. जबकि हम को-एजुकेशन के खिलाफ हैं. शिक्षा, लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ नहीं. “अगर हमें इस साजिश को नाकाम करना है और सफल होना है, तो हमें अपने लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शिक्षण संस्थान बनाने होंगे.”
जमीयत ने साल 2021 में भी महिलाओं और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूलों की वकालत की और कहा कि गैर-मुस्लिमों को भी अपनी बेटियों को “अनैतिकता, दुर्व्यवहार” से बचाने के लिए सह-शिक्षा प्रणाली से दूर रहना चाहिए.
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