अहमदाबाद: मोरबी में मच्छू नदी पर बना झूलता पुल गिरने से की वजह से मृतकों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. घटनास्थल पर अब भी बचाव कार्य जारी है. पिछले कई महीनों से बंद पुल की मरम्मत की गई और पांच दिन पहले ही इसे फिर से शुरू किया गया था. रविवार शाम को क्षमता से ज्यादा लोगों की वजह से पुल टूट गया और सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई. अब इस मामले पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है.
कांग्रेस वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि हमारी ‘परिवर्तन संकल्प यात्रा’ की शुरूआत होनी थी लेकिन मोरबी की घटना के बाद हमने इसे स्थगित करना उचित समझा लेकिन भाजपा के कार्यक्रम जारी हैं. मुझे मोदी जी के कार्यक्रम देखकर दुख हुआ. सरकार को हाई कोर्ट के जज की अध्यक्षता में जांच करानी चाहिए.
गहोलत ने आगे कहा कि गुजरात कांग्रेस की ओर से आज 5 जगहों से परिवर्तन संकल्प यात्रा निकलने वाली थी, लेकिन मोरबी हादसे को देखते हुए हमने सभी यात्रा स्थगित कर दी. लेकिन BJP के कार्यक्रम चल रहे हैं. हमें उम्मीद थी कि मोरबी हादसे को देखते हुए BJP भी अपने कार्यक्रम स्थगित करेगी.
सुरजेवाला भी खड़ा कर चुके हैं सवाल
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ब्रिटिश काल में बने केबल ब्रिज को फिर से खोलने के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. सुरजेवाला ने ट्वीट में लिखा “मोरबी पुल हादसे में गई अनगिनत जानों की दर्दनाक खबर ने पूरे देश का दिल दहला दिया है. सभी शोक संतप्त परिवारों को संवेदनाएं. यह प्राकृतिक हादसा नहीं, मानव निर्मित त्रासदी है.” इसके अलावा उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने “फिटनेस सर्टिफिकेट” के बग़ैर पुल को जनता के इस्तेमाल के लिये खोलने की इजाज़त कैसे दी? क्या ये चुनाव आचार संहिता लगने से पहले आनन फ़ानन में कर वोट बटोरने के लिये किया गया?
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