गांधीनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है. 2017 के चुनाव में पार्टी ने 77 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन इस बार कांग्रेस ने सिर्फ 17 सीटों पर सिमट कर रह गई है. गुजरात में पार्टी की हार के बाद वडगाम से जीते विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि चुनाव के दौरान पार्टी ने मेरा पूरा इस्तेमाल नहीं किया.
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी ने वडगाम में भाजपा के मणिभाई वाघेला के खिलाफ कांटे की टक्कर के बाद जीत हासिल की है. मेवानी ने कहा कि “मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस के पास मेरे जैसा चेहरा है, जो लोगों की कल्पना को पकड़ सकता है, जिसकी विश्वसनीयता है, जो भाजपा विरोधी है और उसकी राज्य में अच्छी खासी फॉलोइंग है, तो उसे राज्य भर में जनसभाओं को संबोधित क्यों नहीं करने दिया गया? दलित समुदाय को लोगों में उर्जा भरने के लिए मुझे ऐसे इलाकों में रैली और जनसभा को संबोधित करने का मौका दिया जाना चाहिए.
जिग्नेश मेवाणी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में वडगाम सीट से बीजेपी के मणिभाई वाघेला को 4796 वोटों से हराया है. बनासकांठा जिले की नौ सीटों में से कांग्रेस को चार और भाजपा को चार सीटें मिली हैं जबकि एक सीट धानेरा से निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई है.
कौन हैं जिग्नेश मेवानी?
जिग्नेश मेवाणी गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और वडगाम सीट से विधायक हैं. जिग्नेश मेवाणी पहली बार 2009 में सुर्खियों में आए जब उन्होंने भाजपा सरकार पर भूमिहीन दलितों को गुजरात कृषि भूमि सीलिंग अधिनियम के तहत भूमि आवंटित नहीं करने का आरोप लगाया था. जिग्नेश मेवानी के संगठन जन संघर्ष मंच ने एक सर्वेक्षण किया और 2015 तक एक सक्रिय आरटीआई कार्यकर्ता बन गए थे. मेवाणी का राजनीतिक उदय 2016 में ऊना शहर में दलितों की लिंचिंग के बाद हुआ था. ऊना दलित अत्याचार संघर्ष समिति के गठन से लेकर 30 अलग-अलग संगठनों को एक मंच पर लाने में जिग्नेश मेवाणी की अहम भूमिका रही. उसके बाद मेवानी राष्ट्रीय स्तर पर दलितों का उभरता हुआ चेहरा बन गए. उसके बाद 2017 में उन्होंने वडगाम सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा. कांग्रेस ने समर्थन दिया और वह चुनाव जीत गए थे.
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