9 दिसंबर को तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. इस घटना को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सरकार को घेरने की कोशिश की, संसद में भारत-चीन झड़प पर बोलते हुए खड़गे ने कहा कि चीन ने हमारी सीमा में घुसपैठ की है. सभापति ने कहा कि रक्षा मंत्री जब तक इस मामले में जवाब नहीं देते वह इंतजार करें.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2020 में गलवान घाटी हमले को लेकर केंद्र पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘चीन ने 20 जून, 2020 को घुसपैठ की, लेकिन पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी कोई घुसपैठ नहीं हुई है. चीन के साथ हमारे क्षेत्र से हटने की चल रही बातचीत भी रुकी हुई है और कोई नई तारीख तय नहीं की गई है. अप्रैल 2020 तक स्थिति यथावत करने की मांगों के बावजूद चीन ने हमारे क्षेत्र को खाली करने से इनकार कर दिया है.
‘रक्षा नहीं कर सकते तो कुर्सी छोड़ दें’
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री केयर फंड की एक बार समीक्षा होनी चाहिए.’ जिन लोगों ने चंदा दिया है, उनकी सूची जारी की जाए और कितनी चीनी कंपनियों ने चंदा दिया है उसकी जानकारी सार्वजनिक की जाए. इस पर जब चर्चा हुई करने की मांग की गई तो गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि सीमा पर कुछ नहीं हुआ है.
राजनाथ सिंह ने संसद में दिया बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले को लेकर संसद को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को चोटें आई हैं. मैं इस सदन को बताना चाहता हूं कि हमारे किसी भी सैनिक की मौत भी नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है. भारतीय सेना के कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण पीएलए के सैनिक अपनी चौकियों पर लौट गए है. इस घटना को लेकर इलाके के स्थानीय कमांडर ने स्थापित व्यवस्था के तहत 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग की और घटना पर चर्चा की.
संसद में बोले- राजनाथ सिंह, हमने चीन को LAC पर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने से रोका