अहमदाबाद: दिवाली में टिकट नहीं मिलने से लोग जान जोखिम में डालकर ट्रेनों में सफर करने को मजबूर हैं. उत्तर भारत की ओर जाने वाली ज्यादातर ट्रोनों में ‘नो रूम’ की स्थिति है जिसकी वजह से वेटिंग टिकट भी नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से कुछ लोग दिवाली का त्योहार अपने परिजनों के साथ मनाने के लिए जान को जोखिम में डाल रहे हैं और दरवाजे पर लटक कर यात्रा करने को मजबूर हैं. यह स्थिति सिर्फ एक-दो ट्रेनों में ही नहीं, ज्यादातर ट्रेनों में है.
दिवाली आते ही लोग अपने परिजनों के साथ त्योहार मनाने के लिए घर की ओर निकल पड़ते हैं. लेकिन अब ये भीड़ बेहद खतरनाक होती जा रही है. ट्रेनों में न केवल पुरुष जोखिम भरा लंबी दूरी तय करते हैं, बल्कि महिलाएं और बच्चे भी इसी तरीके से यात्रा करने को मजबूर हैं. एक यात्री ने बताया कि हर साल यही स्थिति होती है. आम तौर पर, यदि किसी जगह से लोगों की भीड़ ज्यादा हो जाती है तो रेलवे स्पेशल ट्रेन चलाती है लेकिन अहमदाबाद से ऐसी कोई सुविधा नहीं शुरू की गई है. यात्रियों को उनकी स्थिति पर छोड़ दिया गया है.
फिलहाल कई ट्रेनों में ‘नो रूम’ की स्थिति देखने को मिल रही है. यह स्वाभाविक है कि दिवाली के दौरान छुट्टी के कारण लोग अपने परिवार के साथ दिवाली मनाने के लिए अपने गृहनगर जाते हैं, लेकिन उनकी इच्छा पूरी नहीं होती है या अगर उन्हें जाना है, तो उन्हें अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है.
अहमदाबाद-पटना, अहमदाबाद-पुरी, अहमदाबाद-दिल्ली ट्रेनों के साथ आश्रम एक्सप्रेस, गोरखपुर एक्सप्रेस, योग एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी अलग-अलग दिनों में ‘नो रूम’ की स्थिति बनी हुई है.
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