अहमदाबाद: जैसे ही विकास कामों का उद्घाटन किया जाता है, टिकट वसूली प्रणाली शुरू हो जाती है. लेकिन वसूली प्रक्रिया में यह भूल जाते हैं कि किसी भी चीज की एक सीमा होती है. मोरबी में वीकेंड का लुत्फ उठाने के लिए खरीदा गया 17 रुपये का टिकट डेथ टिकट बन गया है. ओरेवा कंपनी ने पैसा कमाने की लालच में पुल की क्षमता से कई गुना ज्यादा टिकट देकर लोगों की जान ले ली है. कुछ इसी तरीके की तस्वीर अहमदाबाद में भी नजर आई थी. लेकिन किसी हादसे से पहले नगर निगम जाग गया है और विजिट करने वाले लोगों की संख्या तय कर दी है.
अहमदाबाद नगर निगम ने तय किया गया है कि अटल ब्रिज पर एक घंटे में 3000 से ज्यादा लोगों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. अटल ब्रिज की क्षमता 12,000 लोगों को एक साथ समायोजित करने की है. लेकिन मोरबी घटना के बाद एहतियात के तौर पर इसकी संख्या कम करके 3000 कर दी गई है. दिवाली की छुट्टियों की वजह से लोगों की भारी संख्या में भीड़ इन दिनों अटल ब्रिज पर उमड़ रही है.
मिल रही जानकारी के अनुसार जिस दिन मोरबी में यह दर्दनाक घटना हुई थी उसी दिन अटल ब्रिज पर उसकी क्षमता से चार गुना ज्यादा लोग आए थे. जिसके बाद अब अटल ब्रिज की निर्धारित क्षमता की तुलना में सिर्फ 25 प्रतिशत यात्रियों को ही प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है. जिसके मुताबिक हर घंटे सिर्फ 3 हजार लोगों को जाने की अनुमति देने का फैसला किया है. अगर मोरबी का हादसा नहीं होता तो अहमदाबाद नगर निगम पैसा वसूलने के चक्कर में लोगों की संख्या तय नहीं करती.
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