बिहार के लिए आज बड़ा और ऐतिहासिक दिन है. कई सालों की मांग के बाद आज से बिहार में जाति आधारित जनगणना की शुरुआत की गई है. इस मामले को लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि आज बहुत ही ऐतिहासिक काम की शुरुआत हो गई है. ये लालू जी का पहले से ही मांग रहा है जिससे लेकर हम सड़क पर भी उतरे थे और मनमोहन जी की सरकार ने जाति जनगणना सर्वे भी कराया था लेकिन BJP ने इसके डेटा को भ्रष्ट बता दिया था.
बिहार में जाति जनगणना सर्वे की शुरूआत से पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा पर जमकर वार किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी गरीब विरोधी है ये लोग नहीं चाहते कि जाति जनगणना हो. जब हम लोग गए तभी भी बीजेपी ने बहुत नटक किया था. आज इसकी शुरुआत हो रही है इससे सही डेटा आएगा तो हम उसी हिसाब से बजट का स्वरूप तैयार करेंगे और कल्याणकारी योजना बनेगी.
जाति जनगणना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल मीडिया से बातचीत में कहा था कि सभी घरों में जाकर एक-एक बात पूछी जाएगी, तभी संख्या सही आएगी. सभी जाति की आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी होगी. सर्वेक्षण ऐसा किया जाएगा जिससे सरकार को पूरी जानकारी हो ताकि विकास के लिए और क्या-क्या किया जाना चाहिए. हम लोग विकास चाहते हैं.
पीएम मोदी से बिहार के नेताओं ने की थी मुलाकात
पिछले साल जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के गठबंधन से सरकार चला रहे थे उसी दौरान उनके नेतृत्व में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने साउथ ब्लॉक पहुंचा था. बिहार के सभी नेताओं ने पीएम मोदी के सामने जाति आधारित जनगणना को लेकर अपनी बात रखी थी. लेकिन केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद बिहार की नीतीश सरकार ने अपने दम पर जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला किया था. जाति आधारित जनगणना का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.