गांधीनगर: गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव के बाद अब बीजेपी का टारगेट लोकसभा चुनाव है. बीजेपी एक बार फिर चुनावी मोड में आ गई है. ऐसे में गुजरात भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले नए रणनीतिकार सीआर पाटिल का प्रमोशन पक्का माना जा रहा है. सीआर पाटिल को नए साल में पार्टी आलाकमान बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है. बीजेपी लोकसभा चुनाव और अन्य राज्यों के चुनावों में पाटिल के कौशल का उपयोग कर सकती है.
माना जा रहा है कि गुजरात में बीजेपी को बड़ी जीत दिलाने वाले सीआर पाटिल का प्रमोशन तय माना जा रहा है. जुलाई 2020 में प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने वाले सीआर पाटिल नवसारी से तीसरी बार सांसद बने हैं. इसके अलावा उन्होंने गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाई है. जिसके बाद पाटिल को प्रमोशन मिलना लगभग तय है. पार्टी इस बात पर विचार कर रही है कि पाटिल को कौन सी नई जिम्मेदारी दी जाए. कयास लगाए जा रहे हैं कि उनको संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसके अलावा चर्चा ऐसी भी चल रही है कि उनको केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर कुछ महत्वपूर्ण राज्यों का प्रभार सौंपा जा सकता है. चर्चा यह भी है कि पाटिल अब जेपी नड्डा के साथ काम कर सकते हैं और बाद में पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं.
2023 में पाटिल की भूमिका क्या होगी?
2023 में पाटिल की भूमिका खास होगी. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा 2024 के चुनाव तक इस पद पर बने रहेंगे. इसके लिए उन्हें मकर संक्रांति के आसपास एक साल का एक्सटेंशन दिया जा सकता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है. नड्डा शुरुआत में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने और बाद में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. पाटिल को लेकर पार्टी में बहस छिड़ी हुई है कि उनकी क्षमताओं का इस्तेमाल कैसे किया जाए. वह केंद्रीय मंत्री बन सकते हैं और राज्यों के प्रभारी हो सकते हैं या उन्हें नड्डा के साथ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है. 2024 के बाद की स्थिति को लेकर नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पर फैसला हो सकता है. माना जाता है कि पाटिल के अलावा, गुजरात में पार्टी की शानदार जीत ने रत्नाकर की पदोन्नति तय की है, जो संगठन के महासचिव हैं. रत्नाकर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और गुजरात से पहले बिहार के प्रभारी थे.
पाटिल की पकड़ और होगी मजबूत
गुजरात पुलिस विभाग में कांस्टेबल के रूप में काम करने वाले सीआर पाटिल ने चुनावी प्रणाली को माइक्रो से हाइपर माइक्रो लेवल तक पहुंचाया है. पाटिल ने अपने क्षेत्र में इतनी मजबूत पकड़ बना ली है कि वह समय नहीं देते तो भी जीत जाते है. इसके पीछे उनकी स्थानीय व्यवस्था है. पाटिल गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष हैं, साथ ही साथ लगातार तीन बार सांसद रहने के कारण राष्ट्रीय राजनीति पर भी उनकी अच्छी पकड़ है. इतना ही नहीं पाटिल लंबे समय तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. पार्टी की रणनीति अगले साल होने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक सहित 10 राज्यों के चुनावों में पाटिल को उतारने की है.
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