नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को तीसरी बार बढ़ाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने तर्क दिया कि कार्यकाल के बार-बार विस्तार से देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया नष्ट हो रही है. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे को कमजोर कर रही है.
अधिवक्ता वरुण ठाकुर और शशांक रत्नु द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि मिश्रा के कार्यकाल का विवादित विस्तार देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट कर रहा है, इसलिए यह याचिका दाखिल की गई है. कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि मिश्रा का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें 17 नवंबर, 2021 से 17 नवंबर, 2022 तक दूसरा विस्तार दिया था. इसके बाद उन्होंने अर्जी दाखिल की जिस पर नोटिस जारी किया गया था.
याचिका में कहा गया है कि इस रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान प्रतिवादी संख्या 1 (केंद्र सरकार) ने प्रतिवादी संख्या 2 (मिश्रा) को 18 नवंबर, 2022 से 18 नवंबर, 2023 तक तीसरा विस्तार दिया, जो दर्शाता है कि प्रतिवादी संख्या 1 को नियम और कानून के लिए कोई सम्मान नहीं है.
इससे पहले 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एसके कौल ने ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल बढ़ाने के लिए संशोधित कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. गौरतलब हो कि इससे एक दिन पहले संजय कुमार मिश्रा को फिर से ईडी प्रमुख के रूप में एक साल का विस्तार दिया गया था.
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी मिश्रा को 18 नवंबर, 2023 तक एक साल का विस्तार दिया गया है.
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