केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस की दो दिवसीय यात्रा पर हैं और उपप्रधान मंत्री और वाणिज्य और उद्योग मंत्री डेनिस मंटुरोव और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ आर्थिक सहयोग पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. जयशंकर की यात्रा रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच और ऐसे समय में हो रही है जब पश्चिम देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए भारत विशेष रूप से मजबूत और प्रभावी स्थिति में है.
रूस का सैन्य साझीदार, रूस का पुराना और सच्चा दोस्त होने के अलावा विश्व राजनीति में बढ़ते खतरे ने आठ महीने पुराने संघर्ष के खत्म होने की भारत की उम्मीदें जगा दी हैं. विदेश मंत्री की यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 15-16 नवंबर को बाली में जी20 शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले हो रही है. पिछले कुछ महीनों में भारत ने पश्चिमी देशों की बेचैनी के बावजूद रूस से सब्सिडी वाले कच्चे तेल के आयात में वृद्धि की है.
फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से जयशंकर और लावरोव चार बार मिल चुके हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछले साल दिसंबर में भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए थे. इसके अलावा पुतिन ने बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ भी की थी.
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