रविवार रात कतर के लुसैल स्टेडियम में खेले गए फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल में अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच दिल दहला देने वाला मुकाबला देखने को मिला. पेनल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना ने यह मैच 4-2 से जीत लिया. लेकिन 80 मिनट तक चले एकतरफा मुकाबले में फ्रांस के स्टार स्ट्राइकर किलियन एम्बाप्पे ने दो मिनट में दो गोल कर खेल का रुख पलट दिया था.
पहला गोल 80वें मिनट में पेनल्टी शूट और दूसरा गोल 81वें मिनट में हुआ. इसके बाद म्बाप्पे ने 118वें मिनट में तीसरा गोल भी किया. लेकिन एम्बाप्पे की यह हैट्रिक भी इस बार फ्रांस को वर्ल्ड चैंपियन नहीं बना सकी. जीत के बाद जब अर्जेंटीना की टीम जश्न मना रही थी तो एम्बाप्पे मायूस होकर मैदान पर बैठ गए. उन्हें हिम्मत और भरोसा दिलाने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों खुद मैदान में आए और एम्बाप्पे की पीठ थपथपाई. इसके बाद मैक्रों ने उन्हें गले लगाकर हौसला देते हुए नजर आए.
अर्जेंटीना के लिए लियोनेल मेसी और एंजेल डी मारिया ने दो-दो गोल किए. ऐसा लग रहा था कि वर्ल्ड कप फाइनल में फ्रांस की तरफ से खेलने वाले म्बाप्पे ही अकेले हैं. एम्बाप्पे ने इस विश्व कप में 8 गोल किए और उन्हें टूर्नामेंट के गोल्डन बूट से सम्मानित किया गया. जब एम्बाप्पे पुरस्कार लेने के लिए मंच पर पहुंचे, तो उन्होंने बहुत शांति से विश्व चैंपियन की ट्रॉफी को देखा और आगे बढ़ गए.
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