गांधीनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा की आरामदायक स्थिति की खबरों के बीच पार्टी नेतृत्व मतदाताओं की राय को लेकर अधिक चिंतित है. बीजेपी की बैठक में चुनाव जीतने की रणनीति और तैयारियों की समीक्षा के लिए नोटा वोट कम करने की चर्चा प्रमुख विषय बन गई है. 2017 के विधानसभा चुनाव में करीब 115 सीटों पर नोटा के वोट तीसरे नंबर पर रहे थे. इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की वृद्धि से नोटा को कम वोट मिल सकते हैं. इसके अलावा हर विधानसभा सीट पर 10 से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार खड़े होने से लोग नोटा विकल्प को कम तरजीह देंगे.
इससे पहले भाजपा द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से नोटा को हटाने का असफल प्रयास किया गया था. बीजेपी नेताओं के मुताबिक, कुछ लोगों ने उन्हें लिस्ट में नंबर वन मानकर फाइनल लिस्ट में वोट डाला था. पार्टी नेता स्वीकार करते हैं कि उनके कैडर और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के लिए सबसे बड़ा काम मतदान के दिन मतदाताओं को घर से बाहर निकालना है न कि भाजपा की जीत को लेकर अति-विश्वास जगाना.
2017 के चुनाव में क्या कहते हैं नोटा के आंकड़े
वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार, गुजरात राज्य की कुल 182 सीटों में से 115 सीटों पर नोटा तीसरे स्थान पर था. गुजरात के लगभग तीन करोड़ मतदाताओं में से लगभग 5.51 लाख या 1.84 प्रतिशत ने नोटा का विकल्प चुना था. पिछले चुनाव में कुल 794 निर्दलीय उम्मीदवारों में से तीन ही चुनाव जीत सके थे. यह एकमात्र ऐसा समूह था जिसे नोटा से अधिक वोट मिले थे.
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान होगा
केंद्रीय चुनाव आयोग ने 3 नवंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा की थी. गुजरात में दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को मतदान होगा. पहले चरण के मतदान के लिए मंगलवार शाम को प्रचार अभियान शांत हो जाएगा. चुनाव के नतीजे आठ दिसंबर को आएंगे. गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से पहले चरण में 89 सीटों पर और दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा.
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