गांधीनगर: गुजरात की सभी 182 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान होने वाला है. पहले चरण के मतदान के लिए एक दिसंबर को मतदान होगा जिसमें सभी राजनीतिक दलों के 788 दावेदार मैदान में उतरे हैं. पहले चरण के मतदान में 19 जिलों की 89 सीटों पर मतदान होगा. पहले चरण में गुजरात की दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के साथ ही साथ कच्छ में मतदान होगा. पहले चरण में 19 जिलों में से कच्छ, सुरेंद्रनगर, मोरबी, राजकोट, जामनगर, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर, बोटाद, नर्मदा, भरूच, सूरत, तापी, डांग, नवसारी और वलसाड जिले शामिल हैं. गुजरात की 182 सीटों में से करीब 49 फीसदी पर पहले चरण में मतदान होगा.
2017 में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की थी
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत हुई थी. इससे पहले भी राज्य में दो चरणों में मतदान हुआ था जिसमें पहले चरण की 89 सीटों में से 48 सीटें भाजपा के खाते में आई थीं. प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी ने पहले चरण में 48 सीटों के साथ 54 फीसदी सीटें जीती थीं.
सीटों की संख्या के हिसाब से गुजरात के दूसरे सबसे बड़े शहर सूरत में होगी वोटिंग
भौगोलिक रूप से सूरत विधानसभा क्षेत्र गुजरात का सबसे बड़ा शहर है, जिसमें कुछ विधानसभा सीटें भी शामिल हैं. पहले चरण के मतदान में सूरत में सबसे अधिक सीटें हैं और पहले चरण में सूरत में मतदान होगा. सूरत विधानसभा के तहत 16 निर्वाचन क्षेत्र आते हैं जिनमें सूरत पूर्व, सूरत उत्तर, सूरत पश्चिम, मांडवी, मांगरोल, ओलपाड, उधना, वराछा, चोर्यासी, कामरेज, करंज, कतारगाम, लिंबायत, महुवा और लमोरा जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
पुल गिरने के बाद चर्चा में रहे मोरबी जिले में वोटिंग
गुजरात में पहले चरण के मतदान में मोरबी जिले में भी मतदान होगा. मोरबी में बने झुलता पुल धराशायी होने के बाद यह सीट चर्चा का विषय बन गई है. हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था.
मोरबी के तीन सीटों का समीकरण
मोरबी: पूल टूटने के बाद मसीहा बनाकर मच्छू नदी में लोगों की जान बचाने के लिए छलांग लगाने वाली कांति अमृतिया को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए बृजेश मेरजा अमृतिया के जीत के रास्ते में रोड़ा नहीं पैदा कर पाएंगे. कांग्रेस ने जयंती पटेल और आप ने पंकज रनसारिया को चुनावी मैदान में उतारा है. यह तमाम शहरों से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में प्रचार करते नजर आ रहे हैं.
टंकारा: पाटीदार आंदोलन से उभरे ललित कगथरा ने इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी. इस बार भी वह भाजपा के दुर्लभजी देथरिया के खिलाफ ग्रामीण इलाकों में अच्छा दबदबा हासिल कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि आप के प्रत्याशी संजय भटासना यहां खास मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं. कुल मिलाकर ललित कगथरा अगर इसी तरीके से एक्टिव रहते हैं तो वह दूसरी बार विधायक बन सकते हैं.
वांकानेर: इस सीट पर मौजूदा कांग्रेस विधायक मोहम्मद पीरजादा के खिलाफ कोली समुदाय के युवा नेता विक्रम सोरानी और भाजपा के जीतू सोमानी मैदान में हैं. कोली और मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में आप और बीजेपी दोनों बराबर वोट काटती है तो पीरजादा के लिए दोबारा चुनाव जीतना मुश्किल नहीं होगा.
पहले चरण में 11 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
पहले चरण के मतदान में 11 सीटों पर 11 मौजूदा मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि वह मंत्री इस बार भी चुनाव जीतें. पहले चरण के मतदान में 11 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है.
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