गांधीनगर: गुजरात में खेती कर अपनी जीविका चलाने वाले किसानों के रोने की बारी है. कई तरह की खेती करने के बाद किसानों की समस्या यह है कि उन्हें पर्याप्त कीमत नहीं मिल रही है. कपास की खेती के बाद अब टमाटर की खेती करने वाले किसानों के रोने की बारी आई है. टमाटर के किसानों को पर्याप्त दाम न मिलने की वजह से उनको टमाटर औनेपौने दाम में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है. किसानों को हो रहे आर्थिक नुकसान का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि किसानों को एक मन टमाटर यानी कि 20 किलो के लिए सिर्फ 50 रुपया मिल रहा है. इससे किसानों को 350 करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है.
फिलहाल बाजार में आपको टमाटर 10 से 15 रुपये किलो के भाव बिक रहा है. यह कीमत ग्राहको के लिए अच्छी है लेकिन किसानों के लिए यह भाव किसी बर्बादी से कम नहीं हैं. गुजरात में टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट आई है. किसानों को एक मन टमाटर यानी कि 20 किलो के लिए सिर्फ 50 रुपया मिल रहा है.
गुजरात सरकार का दावा था कि किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. मौजूदा समय में एक मन टमाटर के लिए किसानों को सिर्फ 50 रुपया मिल रहा है. हकीकत यह है कि कीमतों में इस गिरावट ने किसानों को तोड़कर रख दिया है. गुजरात में टमाटर की कीमतें निचले स्तर पर पहुंच गई हैं. किसानों को फसल का उचित मूल्य भी नहीं मिल रहा है और वे टमाटर औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं. जिसकी वजह से किसान अब सरकार से इसे खरीदने की मांग कर रहे हैं.
राज्य में 1.84 लाख हेक्टेयर में टमाटर की खेती होती है. वर्तमान में किसान बाजार भाव से कम कीमत पर टमाटर बेचने को विवश हैं. गुजरात में बनासकांठा और साबरकांठा में प्रति हेक्टेयर 35-37 टन टमाटर का उत्पादन होता है. सीजन की शुरुआत में टमाटर के भाव अच्छे थे. टमाटर की कीमत 400-500 रुपये मन हुआ करती थी, लेकिन अचानक कीमत गिर गई और किसानों की स्थिति गंभीर हो गई है.
गुजरात में अभी कुछ महीने पहले मार्केट में एक किलो टमाटर की कीमत 100 रुपये तक पहुंच गई थी. तब किसान खुश थे, लेकिन वर्तमान में सर्दियों में टमाटर बाजार में 10 से 15 रुपये किलो बिक रहा है. लेकिन किसानों को टमाटर 3 से 5 रुपये किलो ही बेचना पड़ रहा है. जिसकी वजह से उनको पर्याप्त मूल्य नहीं मिलता है.
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