देहरादून: उत्तराखंड के बनभूलपुरा में रेलवे अतिक्रमण अभियान को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. जिसकी वजह से पूरे इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक 4 से 5 हजार पुलिसकर्मियों को इलाके में तैनात किया गया है. इसके अलावा सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स की 14 कंपनियों की भी मांग की गई है.
नैनीताल के जिला अधिकारी धीरज सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यहां पर जितने भी लोग हैं वे रेलवे की भूमि पर हैं. इनको हटाया जाना है, इसके लिए हमारी तैयारी पूरी चल रही है. हमने फोर्स की मांग की है. आने वाले कुछ समय में हम उन्हें हटाएंगे. ये उच्च न्यायालय का आदेश है उसका पालन करना होगा.
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि के अतिक्रमण को लेकर कुमाऊं रेज डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश पर तमाम संगठन और लोगों से वार्ता की गई. हमने पूरे एरिया को जोन, सुपर जोन और सेक्टर में बांट दिया है. हम सभी जोन का गंभीरता से आकलन कर रहे हैं. कितने घर किस सेक्टर जोन में आ रहे हैं और किस तरह से उनको हटाया जाएगा इसका भी आकलन किया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय से फोर्स की डिमांड भी की गई है.
हरीश रावत ने लिखा सीएम को खत
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को एक खुला पत्र लिखा है, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है. हरीश रावत ने सीएम से अपील की है कि इस घटना में कानूनी पक्ष से अलग मानवीय दृष्टिकोण से कोई बीच का रास्ता निकाला जाए, उन्होंने यह सवाल भी किया कि अगर 50 हजार से ज्यादा लोगों को हटाया गया तो ये लोग कहां जाएंगे. गौरतलब है कि कांग्रेस के एक स्थानीय विधायक के नेतृत्व में इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है. प्रदर्शनकारियों की तरफ से सलमान खुर्शीद कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.
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