समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और रामपुर से विधायक आजम खान को गुरुवार को कोर्ट ने सजा सुनाई. आजम खान को 3 साल जेल की सजा के साथ ही साथ 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. ऐसे में उनकी विधानसभा की सदस्यता भी खत्म हो गई है. हालांकि आजम खान को जमानत मिल गई है. हेट स्पीच का ये मामला साल 2019 का है.
यह पहले से ही स्पष्ट था कि अगर आजम खान को 2 साल से अधिक की सजा सुनाई जा सकती है. जिससे उनका राजनीतिक करियर खतरे में पड़ जाएगा और विधानसभा में उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी. जिसकी वजह से अदालत में लगभग 1.30 घंटे तक बहस हुई क्योंकि आजम खान के वकीलों ने कोशिश की कि सजा कम से कम हो. अभियोजन पक्ष ने कोशिश की कि आजम को नियमानुसार लंबी सजा मिलनी चाहिए. अब आजम खान चाहें तो इस फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.
आपको बता दें कि आजम खान 10 बार रामपुर से विधायक रह चुके हैं और सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. अभद्र भाषा से जुड़ा यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है. 27 जुलाई 2019 को बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ केस दर्ज कराया था. आरोप है कि आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा सीट पर जनता को संबोधित करते हुए चुनावी भाषण दिया. इस बीच आजम खान ने सीएम योगी, पीएम मोदी और तत्कालीन डीएम को लेकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. 3 साल बाद 27 अक्टूबर 2022 को रामपुर की एमपी-विधानमंडल अदालत ने मामले में सुनवाई के बाद आजम खान को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी है.
न्यायालय द्वारा 3 साल जेल की सजा सुनाए जाने पर समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ये अधिकतम सजा थी जिसमें ज़मानत अनिवार्य प्रावधान है, जिस आधार पर ज़मानत मिली. लेकिन मैं इंसाफ का कायल हो गया.
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