इंडोनेशिया में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में खाद्य-ऊर्जा सुरक्षा पर मंथन किया गया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीए मोदी ने खाद्य सुरक्षा पर आपसी सहमति की अपील की. इसके साथ ही कहा कि यूक्रेन में संघर्ष विराम का रास्ता खोजना होगा. पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा. पिछली सदी में WWII ने दुनिया में कहर बरपाया था जिसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का गंभीर प्रयास किया. अब हमारी बारी है.
इंडोनेशिया के बाली में G20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा. हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए. वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा-सुरक्षा अहम है, क्योंकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए.
इसके अलावा पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2030 तक हमारी आधी बिजली नवीकरणीय ऊर्जा से पैदा होगी. समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए विकासशील देशों को समयबद्ध और किफायती वित्त और प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति आवश्यक है.
उन्होंने आगे कहा कि आज सुबह G20 शिखर सम्मेलन में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर बात की. हमारे नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला. साथ ही खाद्य और उर्वरकों के लिए पर्याप्त आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में भी बताया. भारत में स्थायी खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए, हम प्राकृतिक खेती पर जोर दे रहे हैं और अन्य पारंपरिक खाद्यान्नों के साथ-साथ बाजरा को और अधिक लोकप्रिय बना रहे हैं. अक्षय ऊर्जा में भारत की प्रगति के बारे में भी बात की.
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