देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में भूस्खलन से 600 से अधिक परिवार खतरे में हैं. जोशीमठ में भूस्खलन से 561 घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल है. इस बीच राज्य की पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने प्रभावित लोगों को डेंजर जोन से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का आदेश दिया है. लोगों को एयरलिफ्ट करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है. घटनास्थल पर हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए गए हैं ताकि लोगों को जल्दी और आसानी से बचाया जा सके.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली ज़िले के जोशीमठ में भूस्खलन और मकानों में दरार के संबंध में राज्य सचिवालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की, बैठक के बाद सीएम धामी ने कहा कि अभी प्रभावित परिवारों और प्रभाव क्षेत्र में आने वाले मकानों में रहने वाले लोगों को सबसे पहले सुरक्षित किया जाएगा. राहत बचाव का कार्य पूरी निगरानी में किया जा रहा है. दीर्घकाली और तत्काली स्थिति में लोगों के लिए अच्छा काम कैसे करें इस पर बात हुई है.
उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी ने आगे कहा कि निकट भविष्य में पुनर्वास की क्या नीति होगी उन पहलुओं पर बात हुई. लोगों की हर संभव मदद की जाएगी. जान माल की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है. हम अध्ययन भी कर रहें हैं कि पानी का रिसाव कहां से हो रहा है. विभिन्न संस्थानों की मदद ली जा रही है.
इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज जोशीमठ का दौरा करेंगे. नगर निगम अध्यक्ष शैलेन्द्र पवार ने कहा, “इस आपदा से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी आज यहां आपदा की समीक्षा के लिए आ रहे हैं. हमें उम्मीद है कि वह आपदा से राहत देने का काम करेंगे.”
वहीं इस मामले को लेकर ज़िलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि जोशीमठ में जहां भी भूधसाव हो रहा है वहां आज मुख्यमंत्री का दौरा प्रस्तावित है. हमने जोशीमठ में स्थानीय हालातों को देखते हुए अग्रिम आदेश तक सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है.
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