नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति के मामले में सीबीआई ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से 9 घंटे तक पूछताछ की थी. इस बीच आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सीबीआई कार्यालय के बाहर धरना दिया था. मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि सीबीआई पूछताछ के दौरान उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर किया था. जबकि जांच एजेंसी ने डिप्टी सीएम के आरोपों को खारिज किया है.
सीबीआई की पूछताछ के बाद बाहर आए मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि उन पर आप छोड़ने का दबाव डाला गया और मुख्यमंत्री बनने का लालच दिया गया. हालांकि, जांच एजेंसी ने डिप्टी सीएम के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनसे पेशेवर और कानूनी तरीके से पूछताछ की गई है.
मनीष सिसोदिया ने यह भी दावा किया कि पूछताछ के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि आबकारी नीति में कोई घोटाला नहीं था और यह दिल्ली में भाजपा के ऑपरेशन लोटस को सफल बनाने के लिए एक दबाव की रणनीति थी. उधर, सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया के बयानों की जांच की जाएगी और जांच की जरूरत के मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले पुलिस ने 16 विधायकों और सांसद संजय सिंह समेत 119 लोगों को सीबीआई कार्यालय के बाहर हिरासत में लिया था. पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों के खिलाफ इलाके में धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है. वहीं आम आदमी पार्टी पूरे मामले को गुजरात चुनाव से जोड़ रही है. पार्टी का कहना है कि गुजरात में आप की बढ़ती ताकत से बीजेपी डरी हुई है.
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