गांधीनगर: रविवार का दिन मोरबी में शोक की खबर लेकर आया. शहर की शान माने जाने वाले केबल ब्रिज ने अनगिनत लोगों की जान ले ली. रविवार को छुट्टी होने के कारण इस पुल पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. पुल के गिरने का प्राथमिक कारण सामने आया है माना जा रहा है कि क्षमता से अधिक लोगों की वजह से पुल गिर गया. इस हादसे के बाद पूरे मोरबी में मातम का माहौल छाया हुआ है. श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए जहां लाइन लगी है. वहीं दूसरी तरफ कब्रिस्तान में भी कब्रों की खुदाई की जा रही है.
नेवी-एयरफोर्स-सेना समेत एजेंसियां पिछले 8 घंटे से बचाव अभियान चला रही है. दूसरी ओर, मोरबी और राजकोट के अस्पताल घायलों से भरे पड़े हैं. कच्छ, राजकोट, जामनगर अहमदाबाद, गांधीनगर और वडोदरा से एनडीआरएफ की कई टीमें और कई जिलों के तैराक बचाव अभियान में जुटे हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक इन मृतकों में से 36 मुस्लिम समुदाय के हैं, इसलिए 150 लोगों की एक टीम ने मोरबी के कब्रिस्तान में कब्रों की खुदाई कर रही है.
मोरबी के कब्रिस्तान में 150 लोगों की टीम एक साथ अंतिम संस्कार की तैयारी कर रही है. बीती रात जब से इस घटना की खबर आई तब से अंतिम संस्कार की क्रिया शुरू कर दी गई है. पुल गिरने की त्रासदी में मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या भी ज्यादा है और एक कब्र को खोदने में काफी टाइम लगता है. इसलिए अब एक टीम खुदाई कर रही है.
कल देर रात तक 36 मुस्लिम मृतकों के नामों की सूची मिली थी. जिसके आधार पर कब्र की खुदाई की जा रही है.
बीती रात हुई घटना के बाद मुस्लिम समुदाय के 40 युवकों की टीम शवों की तलाश में नदी में उतरी है. जबकि दूसरी टीम कब्रिस्तान में काम कर रही है. मुस्लिम समुदाय के अध्यक्ष पिलुदिया गुलाम हुसैन अब्दुलभाई ने कहा कि यह घटना बहुत दुखद है. शवों के अंतिम संस्कार में समय बर्बाद न हो इसके लिए पहले से तैयारी की गई है. मामले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
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