कोच्चि: केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ NIA की छापेमारी जारी है. सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, NIA केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 56 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. गृह मंत्रालय ने इस साल सितंबर में पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. एएनआई से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएफआई कार्यकर्ताओं से जुड़े होने के संदेह में कुछ कार्यालयों में तलाशी अभियान चल रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएफआई के खिलाफ यह छापेमारी गुरुवार सुबह से शुरू हुई है. एनआईए की आज की कार्रवाई पीएफआई कैडर में उन लोगों के खिलाफ की जा रही है जिन पर कुछ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है और संजीत (केरल, नवंबर 2021), वी-रामलिंगम (तमिलनाडु, 2019), नंदू (केरल, 2021), अभिमन्यु (केरल, 2018), बीबिन (केरल, 2017), शरथ (कामाटक, 2017), आर रुद्रेश (कामाटक, 2016), प्रवीण पुयारी (कर्नाटक, 2016) और शशि कुमार (तमिलनाडु, 2016) सहित कुछ लोगों की हत्या का आरोप लगा है.
यूएपीए के तहत लगाया गया प्रतिबंध
इसी साल सितंबर में गृह मंत्री की ओर से एक सार्वजनिक गैजेट अधिसूचना में कहा गया था कि सरकार ने पीएफआई की विघटनकारी गतिविधियों को देखते हुए गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम, 1967 यानी यूएपीए की धारा 3 की उपधारा 1 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग किया है. पीएफआई को यूएपीए की धारा 35 के तहत 42 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया गया है.
पीएफआई पर आतंकी संबंधों का आरोप है. केंद्र सरकार ने यह फैसला देश के कुछ राज्यों में पीएफआई पर लगातार छापेमारी के बाद लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों मिले सबूतों के आधार पर यह फैसला लिया गया है. आरोप है कि इस संगठन को विदेशों से अवैध रूप से फंडिंग मिल रही थी. इसे लेकर गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, असम, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना समेत कई राज्यों में छापेमारी कर इस संगठन से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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