प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मानगढ़ की गौरव गाथा’ में शामिल होने राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में पहुंचे हैं. उन्होंने मानगढ़ धाम में भील स्वतंत्रता सेनानी गोबिंद गुरु को श्रद्धांजलि दी. उसके बाद धूनी पहुंचकर पूजा-अर्चना और आरती में हिस्सा लिया. इस दौरान उनके साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल भी मौजूद रहे. प्रधानमंत्री ने यहां एक जनसभा को भी संबोधित किया.
मानगढ़ की गौरव गाथा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ वह अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पराकाष्ठा थी. दुनिया को गुलाम बनाने की सोच मानगढ़ की इस पहाड़ी पर अंग्रेजी हुकूमत ने 1500 से ज्यादा लोगों को घेरकर के उन्हें मौत के गाट उतारा था. दुर्भाग्य से आदिवासी समाज के इस बलिदान को इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए वह नहीं मिली. आज देश उस कमी को पूरा कर रहा है. भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता है
इसके अलावा पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अशोक गहलोत जी और मैंने मुख्यमंत्री के रूप में साथ काम किया था. वह हमारे बहुत से मुख्यमंत्रियों में सबसे वरिष्ठ थे, आज भी यहां मंच पर बैठे सभी मुख्यमंत्रियों में से अशोक जी सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री में से एक हैं.
मानगढ़ की गौरव गाथा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री दुनिया के कई देश में जाते है तो बेहद सम्मान मिलता है और सम्मान क्यों मिलता है? क्योंकि नरेंद्र मोदी जी उस देश के प्रधानमंत्री है जो गांधी का देश है, जहां लोकतंत्र की जड़े मज़बूत है.
वहीं इस मौके पर गुजरात के सीएम ने कहा कि गुजरात के मोरबी में हुए हादसे में मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, मैं PM का आभार व्यक्त करता हूं कि वे संकट की इस घड़ी में हमारे साथ खड़े रहे. साथ ही NDRF,सेना , एयर फोर्स,आपदा प्रबंधन ने लगातार काम किया.
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