गांधीनगर: अहमदाबाद की जमालपुर खाड़िया सीट पर कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भूषण भट्ट को हरा दिया है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के उम्मीदवार साबिर काबलीवाला तीसरे स्थान पर रहे है. इस मुस्लिम बहुल इलाके में इमरान खेड़ावाला को 58487 वोट और बीजेपी प्रत्याशी भूषण भट्ट को 44829 वोट मिले जबकि AIMIM के साबिर काबलीवाला को 15677 वोट मिले. अहमदाबाद शहर के जमालपुर खाड़िया सीट पर कुल 2.31 लाख मतदाताओं में से 65 प्रतिशत यानी 1,35,000 मुस्लिम समुदाय के हैं. इस जीत के बाद इमरान खेड़ावाला गुजरात से इकलौते विधायक हैं जो मुस्लिम हैं.
कांग्रेस के पूर्व विधायक साबिर काबलीवाला ने 2012 में समीर खान पठान के खिलाफ निर्दलीय के रूप में जमालपुर खाड़िया सीट से चुनाव लड़े थे, जिससे मुस्लिम के वोट बंट गए थे और इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी भूषण भट्ट को हुआ और वह चुनाव जीत गए थे.
एआईएमआईएम की एंट्री से भी नहीं हुआ भाजपा को फायदा
2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के इमरान खेड़ावाला ने जीत हासिल की थी. दूसरे नंबर पर बीजेपी के भूषण भट्ट रहे थे. साबिर काबलीवाला यहां से फिर से निर्दीलय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे. लेकिन बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों की कोशिश के बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था. लेकिन इस बार वह ओवैसी की पार्टी AIMIM के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे थे. लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उनको स्वीकार नहीं किया और खेड़ावाला को एकतरफा वोट देकर कामयाब बना दिया.
मुस्लिम आबादी वाले अहमदाबाद शहर की जमालपुर खाड़िया विधानसभा सीट में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के प्रवेश के साथ मुकाबला त्रिकोणीय बताया जा रहा था. हालांकि वोट न बांटे इसलिए इमरान खेड़ावाला ने बार-बार कहा कि एआईएमआईएम बीजेपी की बी टीम है. लोगों को विश्वास दिलाया गया कि मुस्लिम वोट बंटने से बीजेपी को फायदा होगा.
65 फीसदी मुस्लिम वोटर
जमालपुर खाड़िया में 65 फीसदी यानी 1,35000 वोटर मुस्लिम समुदाय के हैं जबकि हिंदू वोटर 70 हजार हैं. यह एक ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है जिस पर AIMIM ने विशेष ध्यान दिया था. पार्टी ने 2021 के नगरपालिका चुनावों में गुजरात की राजनीति में प्रवेश किया था और जमालपुर में शानदार प्रदर्शन करते हुए चारों वार्ड अपने नाम कर लिया था. गुजरात में 11 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. एक दर्जन सीटों पर मुस्लिम मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. साथ ही 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में 30 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम आबादी 15 फीसदी से ज्यादा है. इस बार कांग्रेस, आप और ओवैसी की AIMIM पार्टी से मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे. लेकिन बीजेपी की ओर से किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया था.
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